एक लडके को देखा तो ऐसा लगा..
जैसे भंवरे का रूप, जैसे सर्दीमें धूप
जैसे रेशमी चट्टान, जैसे प्यारकी उडान
जैसे बांहोमें बाग, जैसे पहेलूमें राग
जैसे सहरा में बरखा का मौसम आ गया

एक…

एक लडके को देखा तो ऐसा लगा..
जैसे महेफिलकी जान, जैसे शायरकी शान
जैसे जंगका एलान, जैसे गुंजती अझान
जैसे मीठा झहर, जैसे सुबहकी लहर
जैसे गोरे बदन पे बरसती काली घटा…
दो लफ्झोकी है दिलकी कहानी,
या है मुहोब्बत, या है जवानी !
एक लडके को देखा तो ऐसा लगा..
जैसे प्यारा सा गांव, जैसे झुल्फोंकी छांव
जैसे सपनों का रंग, जैसे वादियोंका संग
जैसे रातमेँ चिराग, जैसे जंगलमें बाग
जैसे धीरे धीरे फैलता हो ख्वाबका धुंवा…
एक लडके को देखा तो ऐसा लगा..